Scary Stories in Hindi – ज़िंदा लाश – Ghost Story

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ज़िंदा लाश की असली कहानी / Scary Stories in Hindi – डरावनी हिंदी कहानीयाँ | New Ghost Stories in Hindi 2019, भूत की हिंदी में कहानियाँ |


पच्चीस वर्षीय अनुज अपने उस फ्लैट में पहली बार आया, जो उसे उसकी कम्पनी ने सुविधा के रूप में दिया था।

वास्तव में अनुज की नई-नई नौकरी लगी थी। वह हरियाणा में अपना परिवार छोड़कर शिमला में आ गया था।

सालभर से नौकरी की तलाश में भटक रहे अनुज को अच्छी नौकरी मिलते ही उसका उदास जीवन खुशियों से खेलने लगा था।

कम्पनी ने सुविधा के रूप में उसे जो फ्लैट दिया था, उस फ्लैट में प्रवेश करते ही अनुज के होठों से अनायास ही निकला था-

“वाओ, मोस्ट ब्यूटीफुल फ्लैट!” Scary Stories in Hindi

वह भीतरी दरो-दीवार तथा फ्लैट में मौजूद हर एक सामान को देखने के बाद बहुत प्रसन्न हुआ था।

उसके चेहरे पर नौकरी मिल जाने की सुनहरी चमक तो पहले से ही उत्पन्न थी, मगर अब कम्पनी की ओर से रहने की सुख-सुविधा देखने के बाद उसका चेहरा खुशी से खिल गया था।

अपने जरूरी सामान से भरा बैग उसने कन्धे से उतारकर नीचे फर्श पर छोड़ा तथा लम्बे डग भरकर सामने पड़े सोफे पर जा बैठा।

सोफे पर बैठते ही उसने सुकून महसूस करने जैसे अन्दाज में आंखों को बन्द करते हुए हलक से गहरी सांस छोड़ी । फिर चन्द लम्हों बाद अनुज फ्रेश होने के लिए बाथरूम की ओर प्रसन्न मुद्रा में गुनगुनाता हुआ बढ़ा। इतना ही नहीं उसके थिरकते कदम उसकी गुनगुनाहट पर खुशी का इजहार स्पष्ट कर रहे थे।

वह झूमता थिरकता वॉश रूम में पहुंच गया।

बाथरूम में भीतर पहुंच अनुज ने सामने लगे आइने पर नजर डाली और एक शानदार स्टाइल में वह स्वयं को देखकर मुस्कुराया।

फिर जल्द ही वह स्नान की तैयारी के साथ अपने काम में जुट गया ।

स्नान से निपटने के बाद जब उसने दोबारा खुद को आइने में देखने के लिए नजर उठाई तो चौंक गया।

एकाएक उसके चेहरे से उलझन प्रकट हुई। आंखों में प्रश्न उभरा।

क्योंकि इस बार आइना देखते हुए अनुज ने देखा था कि एक साथ कई दरारें आइने पर पड़ी हुई हैं।

आइने पर पड़ी दरारें कुछ इस प्रकार थीं मानो किसी ने आइने के बीच में जोर से पत्थर मारकर उसे चटकाया हो।

मगर अनुज ने ऐसी कोई आवाज न सुनी थी, जिससे वह यह अनुमान कर सकता हो कि आइना पत्थर मारने पर ही चटका है।

कुछ देर पूर्व उसने आइने को अपने सही रूप में देखा था, मगर अब आइना बुरी तरह दरारों से भरा उसकी आंखों के सामने था।

अनुज समझ नहीं पाया था कि आखिर आइने में दरारें पड़ीं किस प्रकार? वह उलझ बैठा था इस रहस्य में।

आइने में पड़ी दरारें उसके स्नान के दौरान ही आई थीं। वह लगातार सोच रहा था कि आखिर इस बीच ऐसा क्या हुआ जिसके कारणवश आइने में दरारें पड़ गईं?

लाख सोचने के बाद भी उसकी समझ में कुछ नहीं आया तो वह इसी उलझन में फंसा रहकर बाथरूम से बाहर निकल आया।

रात ग्यारह बजे। Scary Stories in Hindi

अनुज अपने बेड पर लेटा एक हॉरर स्टोरी पढ़ रहा था। उसके फ्लैट में गहरी खामोशी छाई थी। एकांत में वह पूरे आनन्द के साथ हॉरर स्टोरी का आनन्द उठा रहा था।

स्टोरी पढ़ते-पढ़ते उसे काफी रात बीत गई थी। उसने सो जाने के इरादे से सामने लगी वॉल क्लॉक की तरफ दृष्टि उठाई।

क्योंकि सुबह छ: बजे उसे अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए उठना था।

अनुज ने जैसे ही वॉल क्लॉक की ओर देखा उसी समय दीवार पर लगी घड़ी अपनी मजबूती छोड़ते हुए नीचे फर्श पर गिरी ‘छन्न’ की आवाज के साथ घड़ी का शीशा टूट गया।

अनुज तुरन्त बैड से उठा और उसने आगे बढ़कर घड़ी उठाई वॉल क्लॉक पूरी तरह खराब हो चली थी।

जैसे-तैसे उसने फर्श पर बिखरा घड़ी का कांच समेटकर डस्टबिन में डाला और बापस अपने शयनकक्ष में आ गया।

जब वह वापस अपने शयनकक्ष में आया तो उसने देखा कि उसके सारे कपड़े फर्श पर फैले पड़े हैं।

यह देख वो बुरी तरह चौंका। उसने झट अनुमान लगा लिया कि अवश्य ही कोई उसके फ्लैट में घुस आया है कोई चोर!

अपने फ्लैट में किसी चोर के घुस आने का अनुमान करते हुए उसने गुर्राहट भरे स्वर में पुकारा

‘कौन है यहां?’  You Read This Scary Stories in Hindi on Lokhindi.com

साथ ही वह पूरी वीरता के साथ चोर का मुकाबला करने के लिए खड़ा रहा।

जवाब के रूप में कुछ कदमों की गूंज उसने सुनीं यह समझते अनुज को अधिक समय न लगा कि कोई व्यक्ति उसके फ्लैट से भाग निकलने की कोशिश कर रहा है। क्योंकि फ्लैट में गूंज रहे कदमों की आवाजें फ्लैट से बाहर की ओर जाती सुनाई दे रही थीं।

अधीर कदमों के साथ अनुज उसी तरफ बढ़ा, जहां उसे कदमों के गूंजने की आवाजें होने का अन्देशा हो रहा था वह फुर्तीले कदमों के साथ आगे पहुंचा, तो उसने देखा कि फ्लैट का डोर खुला हुआ है।

दरवाजा खुला जानकर अनुज को आश्चर्य हुआ। क्योंकि वह तो दरवाजा लॉक करके सोने की तैयारी के साथ बैड पर गया था, मगर अब दरवाजा खुला देखने के बाद वह आश्चर्यचकित था।

दरवाजा कैसे खुला या किसने खोला, इन प्रश्नों के उत्तर सोचने का समय नहीं था उसके पास। दिमाग में सावन की घटा की तरह घुमड़ उठे प्रश्नों को ज्यों का त्यो वह अपने दिमाग में छोड़े रखकर फुर्ती से आगे बढ़ा।

फ्लैट से निकल अनुज ने बाहर की ओर नजरें दौड़ाई।

परन्तु बाहर उसे कोई नजर न आया। साथ ही वातावरण की शान्ति को महसूस करते हुए ऐसा तनिक भी आभास न होता था कि कुछ देर पूर्व वहां कोई आया-गया भी है।

हर तरफ गहरी खामोशी पैर पसारे सोती महसूस हो रही थी।

अनुज उलझन भरे भाव चेहरे से व्यक्त करता वापस अपने फ्लैट में चला आयां ।

मगर फ्लैट का दरवाजा खुला जानने के बाद उसके मन में कौंध उठे प्रश्न बराबर जोर मार रहे थे। वो अभी तक थमे नहीं थे। तूफानी रफ्तार के साथ अपनी रवानगी में आकर बराबर अनुज को चिन्तित कर रहे थे।

धीमे-धीमे कदमों के साथ अपने बैडरूम की ओर बढ़ रहे अनुज ने मन ही मन कहा-

“कहीं ऐसा तो नहीं कि दरवाजा मुझ ही से खुला रह गया हो?”

मन में ऐसा कहते हुए अनुज सोचपूर्ण मुद्रा अपनाये एक स्थान पर ठिठक गया था।

फिर अगले ही क्षण अनुज के मनमस्तिष्क ने उससे पूछा-

“पर वे कदमों की आवाजें कैसी थीं, जो अभी-अभी सुनी गईं?”

फिर अगले ही पल उसे लगा कि हो सकता है रात के इस खामोश माहौल में उसके कान बजे होंगे। क्योंकि बिखरे कपड़ों को देखकर उसने सोचा था कि शायद उसके फ्लैट में कोई चोर घुस आया है, तो इसी विचार के रहते उसे खामखाह ऐसा लगा हो कि कोई चोरी छिपे उसके फ्लैट से निकलकर गया है।

मन-मस्तिष्क में उभरते सारे सवालों और जवाबों को उसने वहीं खत्म कर अपने फ्लैट का दरवाजा बन्द किया और लाइट ऑफ करके बैड पर आ गया।

आधी रात बीत चुकी थी। Scary Stories in Hindi

फ्लैट में अजीब-सी गन्ध फैल जाने के कारण अनुज की आंख खुल गई।

बैड से उठकर उसने सारी लाइटें ऑन कीं तथा इधर-उधर नजरें दौड़ाते हुए यह जानने का प्रयास करने लगा कि आखिर गन्ध कहां से तथा क्यों आ रही है?

इसी तलाश में वह फ्लैट का चप्पाचप्पा छान मारकर अन्त में स्नानघर की ओर बढ़ा।

जब वह स्नानघर में पहुंचा तो बुरी तरह शॉक्ड रह गया। उसकी आंखों में ही नहीं, बल्कि चेहरे पर भी खौफ के असीमित भाव उत्पन्न हो गये थे।

अनुज अपने स्थान पर खड़ा पत्थर की मूर्ति बन गया था। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। किन्तु दिमाग सन्नाटे में आकर सांयसांय करने लगा था ।

क्योंकि स्नानघर के बीचों बीच खून में सनी एक लड़की की लाश पड़ी थी। लाश का जिस्म सही सलामत था, मगर उसका चेहरा खून से पूरी तरह सना हुआ था।

लाश को देखते हुए इस बात का भली प्रकार आभास होता था कि उसके सर पर वार करके ही उसकी हत्या की गई है।

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लाश के चेहरे पर छाया खून सूखी पपड़ी बन गयी थी। इससे यह अनुमान लगाया जा सकता था कि उसकी हत्या हुए बहुत वक्त बीत चुका है।

लाश को अपने बाथरूम में देखते हुए भयभीत अनुज की समझ में तनिक भी न आया कि यह लाश किस प्रकार उसके स्नानघर में आ गई ?

अनुज का तो जैसे पूरा दिमाग ही खराब हो चला था। उसकी समझ में कुछ भी न आ रहा था।

कुछ देर के बाद मानो वह गहरी गफलत से जागा तो उसे ख्याल आया कि वह फौरन इस घटना के बारे में पुलिस को बताये।

मन में यह विचार आते ही वह वापस अपने शयनकक्ष में पलट गया।

बैड पर रखा उसने अपना मोबाइल उठाया और झट पुलिस स्टेशन का नम्बर मिलाना शुरू किया।

इससे पहले कि वह पूरा नम्बर डायल कर पाता, किसी ने मधुर स्वर में उसे पुकारा इस मधुर स्वर को सुनते ही वह तत्काल पीछे पलट गया।

पलटकर उसने देखा कि उसकी आंखों के सामने वही लड़की खड़ी है जिसे एक लाश के रूप में देखते हुए वह अपने बाथरूम में छोड़ कर आया था।

लड़की अपने उसी रूप में थी, जिसमें अनुज ने उसे बाथरूम में देखा था।

उसे देखकर अनुज बुरी तरह डर गया। सब कुछ भूलकर उसने लड़की से भयभीत स्वर में पूछा-

“कौन हो तुम?” Scary Stories in Hindi

वह युवती चेहरे से बड़े ही खौफनाक भाव व्यक्त करते हुए बोली-

“में एक लाश हूं। वही लाश जिसे अभी कुछ देर पहले तुमने अपने बाथरूम में देखा था।”

“वो तो मैं भी जानता हूं।’ अनुज कंपित स्वर में बोला-“मगर तुम जिन्दा कैसे हो गई?”

“तुम्हें लाश बनानेके लिए!” युवती का स्वर आतंकित था।

अनुज को अब यह समझने में वक्त न लगा कि उसके सामने खड़ी जिन्दा लाश वास्तव में भूत है।

अनुज सम्भलकर बोला-

“मगर तुम मुझे क्यों लाश बनाना चाहती हो? आखिर मेरा कुसूर क्या है?”

“तुम्हारा कुसूर सिर्फ इतना ही है कि तुम इस फ्लैट में आकर ठहरे हो। मैंने तुम्हें इस फ्लैट से निकल जाने के लिए कई इशारे दिये। पहले तुम्हारे स्नानघर के आइने में दरारें डालीं फिर तुम्हारी वॉल क्लॉक तोड़ दी। फिर उसके बाद तुम्हारा कपड़ों से भरा बैग खाली कर तुम्हारे कपड़े निकालकर फेंक दिये फिर तुम्हारे फ्लैट का दरवाजा खोल दिया ताकि तुम पेश आईं इन छोटी-छोटी घटनाओं से डरकर भाग जाओ। मगर तुम बहुत निडर निकले। इसलिए अब मैं तुम्हें किसी भी कीमत पर जिन्दा नहीं छोड़ सकती।”

“‘मगर तुम मुझे इस फ्लैट से क्यों निकालना चाहती हो?”

“क्योंकि इसी फ्लैट में दो आदमियों ने मिलकर मुझे मार डाला था। उसी दिन से मैं इस फ्लैट में रहती हूं।”

“पर ऐसा तुम्हारे साथ क्यों हुआ? उन दोनों आदमियों ने तुम्हारा मर्डर क्यों किया?” अनुज ने पूछा।

“क्योंकि वो दोनों मुझे उठा लाये थे। इस फ्लैट में लाकर उन्होंने मेरा बलात्कार किया था। फिर उसके बाद मेरा कत्ल कर दिया था। तब से उनकी प्रतीक्षा में मैं यहां रहती हूं। एक दिन वो दोनों यहां जरूर आयेंगे और मैं उन्हें अपने हाथों से खत्म कर दूगी। इसके लिए इस फ्लैट का खाली रहना बहुत आवश्यक है।”

“ठीक है, तो मैं यह फ्लैट छोड़कर अभी चला जाता हूं।” अनुज ने पूर्ववत् स्वर में कहा।

‘नहीं।’ वह आदेशात्मक स्वर में बोली-‘अब इस फ्लैट से तुम्हारी लाश ही जायेगी। क्योंकि तुम मेरी हकीकत जान गये हो। लिहाजा तुम्हें जिन्दा छोड़कर मैं जमाने के लिए चर्चा का विषय नहीं बनना चाहती। वरना मेरा मकसद अधूरा रह जायेगा।”

‘मुझ पर भरोसा करो।’ अनुज पीछे हटता हुआ बोला-“मैं तुम्हारा राज राज ही रखूंगा। मैं तुम्हारे बारे में किसी से कुछ नहीं बताऊंगा। मेरा यकीन मानो। मुझे जाने दो।’ अनुज गिड़गिड़ाने लगा।

“तुम जिन्दा यहां से नहीं लौट सकते।” युवती ने कहा।

“मुझे जाने दो।” कहते हुए अनुज इस हद तक पीछे हटा कि अब और पीछे नहीं जा सकता था। यानि उसकी कमर दीवार से सट गई थी।

लड़की डरावना भाव चेहरे पर लिये उसकी ओर कदम उठाने लगी। अनुज का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। आंखों के सामने उसे अपनी मौत नाचती नजर आने लगी। अपने बचाव का उसके पास कोई रास्ता तो रह ही नहीं गया था।

वह किसी भी कीमत पर मरना नहीं चाहता था, मगर उसके न चाहने पर भी उसकी मौत निरंतर उसकी ओर बढ़ रही थी।

अनुज हर पल इस सोच में था कि किसी सूरत से कोई बचाव का रास्ता सामने आ जाये तो तत्काल स्वयं को इस बेवक्त की मौत से बचा ले। लेकिन उसके सामने सिवाय उसकी मौत के और कुछ भी न था।

मौत हर क्षण उसे अपनी आगोश में भर लेने के इरादे से उससे निकटता बढ़ा रही थी।

जब वह जिन्दा हुई लाश उससे केवल चार कदम के फासले पर रह गई तो अचानक अनुज का स्वर उभरा। वह बोला-

“ठहर जाओ! मैं मरने से पहले अपने मुंह में गंगाजल की कुछ बूंदें डालना चाहता …।’’

वह युवती ठहर गई। बोली-

‘‘ठीक है।” You Read This Scary Stories in Hindi on Lokhindi.com

तभी अनुज गंगाजल लेने आगे बढ़ा। वह गंगाजल लेकर वापतयुवती के पास चला आया। वहां आते ही अनुज ने सारा गंगाजल उस लड़की पर उंडेल दिया, जो मरकर भी जीवित थी।

गंगाजल उस पर गिरते ही उसमें आग लग गई। वह प्रेत आत्मा चीखती-चिल्लाती रही आग उसमें चारों तरफ से लगी थी।

अनुज इस दृश्य को देखता रहा। जल्द ही वो जिन्दा हुई लाश जलकर राख हो गई। शरीर भस्म होते ही उसकी आत्मा रोशनी बनकर खिड़की से निकली और आकाश की तरफ चली गई।

भस्म हुए शरीर की सारी राख खुद-ब-खुद वहां से गायब हो गई।

उस वक्तअनुज ने राहत की गहरी सांस हलक से छोड़ी।

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Written by lokhindi
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