Short Stories With Moral – हिंदी कहानी – Moral Stories

लालची बंदर

Short Stories With Moral

एक बंदर एक मनुष्य के घर प्रतिदिन आता था और उधम करता था | वह कभी कपड़े फाड़ देता, कभी कोई बर्तन उठा ले जाता और बच्चों को भी नोच लेता | वह खाने पीने की वस्तुएं ले जाता था | इसका दु:ख उन घरवालों को ही नहीं था किंतु उस बंदर के उपद्रव से वे तंग आ गए थे |

एक दिन घर के स्वामी ने कहा मैं इस बंदर को पकड़ कर बाहर भेज दूंगा उसने एक छोटी मुंह की हाड़ी मंगायी और उसमें भुने चने डाल कर हाड़ी को भूमि में गाड़ दिया | केवल हांडी का मुंह खुला हुआ था | सब लोग वहां से दूर चले गए |

वह बंदर घर में आया | थोड़ी देर इधर-उधर घूमता रहा जब उसने गड़ी हुई हाड़ी में चने देखे तो हाड़ी के पास आकर बैठ गया | खाने के लिए उसने हाड़ी में हाथ डाला और मुट्ठी में चने भर लिए हांडी का मुख छोटा था | उसमें से बंधी मुट्ठी निकल नहीं सकती थी | बंदर मुट्ठी निकालने के लिए जोर लगाने और कूदने लगा | किंतु; लालच के मारे मुठ्ठी के चने उसने नहीं छोड़े |

बंदर को घर के स्वामी ने रस्सी से बांध लिया और बाहर भेज दिया | चने का लालच करने से बंदर पकड़ा गया |

 Moral of the Story :- 
” इससे कहावत है – ” लालच बुरी बला है |”

लालची कुत्ता

Short Stories With Moral

एक कुत्ता मुंह में रोटी का टुकड़ा लिए कहीं जा रहा था | बीच में पानी पड़ता था | पानी गहरा नहीं था | कुत्ता जब पानी में होकर चलने लगा | तब उसे पानी में अपनी परछाई दिखाई पड़ी |

कुत्ते ने सोचा पानी में दूसरा कुत्ता रोटी लिए जा रहा है | मैं इसकी रोटी छीन लूं, तो मेरे पास पूरी रोटी हो जाएगी |

कुत्ते ने जैसे ही परछाई वाले कुत्ते की रोटी छीनने के लिए मुंह खोला! उसके मुंह की रोटी पानी में गिर गई | वह अपना-सा मुंह लेकर रह गया |

 Moral of the Story :-   ” आधी छोड़ पूरी को धावे | आधी रहे न पूरी पावे ||”